यह खबर बताती है कि दिल्ली विश्वविद्यालय (DU) में दाखिले के लिए अब CUET UG परीक्षा देना अनिवार्य नहीं है। ऐसे में उम्मीदवार बिना CUET UG दिए भी डीयू में एडमिशन पा सकते हैं। लेख में इस प्रक्रिया के बारे में विस्तार से जानकारी दी गई है।
Delhi University Admissions 2024
इस खबर के अनुसार, दिल्ली विश्वविद्यालय (DU) केंद्रीय विश्वविद्यालयों में खाली सीटों को भरने के लिए कक्षा 12 के अंकों का उपयोग करेगा। यह निर्णय विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (UGC) की स्टैंडर्ड ऑपरेटिंग प्रोसीजर (SOP) के बाद लिया गया है।
अगर आप CUET UG एग्जाम में शामिल नहीं हुए थे, तब भी आपको दिल्ली यूनिवर्सिटी में दाखिला मिल सकता है। दिल्ली विश्वविद्यालय ने कहा है कि नियमित दाखिले की प्रक्रिया पूरी हो जाने के बाद खाली रह गई सीटों को भरने के लिए वह 12वीं कक्षा के अंकों का इस्तेमाल करेगा। यह फैसला विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (UGC) की तरफ से केंद्रीय विश्वविद्यालयों के लिए जारी की गई एक एसओपी के बाद लिया गया है। यूजीसी ने निर्देश दिया है कि सभी ग्रेजुएट और पोस्ट ग्रेजुएट कोर्स की सीटें भरी जाएं।
यूजीसी ने कहा कि एक पूरे शैक्षणिक वर्ष के लिए सीटें खाली छोड़ देना संसाधनों की बर्बादी है और इससे कई छात्र गुणवत्तापूर्ण उच्च शिक्षा से वंचित हो जाते हैं। डीयू के वीसी प्रो. योगेश सिंह ने कहा कि हम यूजीसी के निर्देश का स्वागत करते हैं और इस बात के प्रति संवेदनशील हैं कि किसी भी पाठ्यक्रम में सीटें खाली नहीं रहनी चाहिए। ग्रेजुएट प्रोग्राम में खाली सीटों को भरने के लिए हम 12वीं कक्षा के अंकों का इस्तेमाल करेंगे।
डीयू में 71 हजार सीटें
पिछले वर्ष डीयू में करीब 5,000 सीटें विभिन्न प्रयासों के बावजूद खाली रह गई थीं। यूजीसी की एसओपी के अनुसार, विश्वविद्यालय नियमित दाखिले के चरणों के बाद खाली रह जाने पर ग्रेजुएट (यूजी) और पोस्ट ग्रेजुएट (पीजी) कोर्स के लिए अपनी प्रवेश परीक्षा आयोजित कर सकते हैं। 2024-25 शैक्षणिक सत्र के लिए प्रवेश प्रक्रिया वर्तमान में चल रही है। दिल्ली विश्वविद्यालय 65 से अधिक कॉलेजों में 71,000 से अधिक सीटें कॉमन यूनिवर्सिटी एंट्रेंस टेस्ट अंडरग्रेजुएट (CUET UG) के माध्यम से प्रदान कर रहा है।
ये हैं जरूरी बातें
28 मई को शुरू हुई विश्वविद्यालय की प्रवेश प्रक्रिया के पहले चरण में लगभग 270,000 छात्रों ने कॉमन सीट एलोकेशन सिस्टम (CSAS) पोर्टल पर पंजीकरण किया। यूजीसी के दिशा-निर्देशों के अनुसार, केंद्रीय विश्वविद्यालयों में प्रवेश के लिए CUET स्कोर मुख्य मानदंड बना रहेगा। रिपोर्ट्स के अनुसार, जिन छात्रों ने CUET दिया है, चाहे उन्होंने पहले संबंधित विश्वविद्यालय में पाठ्यक्रमों या कार्यक्रमों के लिए आवेदन किया हो या नहीं, उन पर भी विचार किया जा सकता है। यदि CUET आवेदक सूची समाप्त हो जाती है, तो विश्वविद्यालय खाली सीटों को भरने के लिए अपनी प्रवेश परीक्षा आयोजित कर सकते हैं या संबंधित विभाग को स्क्रीनिंग टेस्ट कराने की अनुमति दे सकते हैं।