ठाणे, महाराष्ट्र: ठाणे जिले के बदलापुर रेलवे स्टेशन पर मंगलवार को एक गंभीर विरोध प्रदर्शन ने व्यापक ध्यान आकर्षित किया, जब हजारों प्रदर्शनकारियों ने शौचालय में एक स्कूल सफाईकर्मी द्वारा दो छोटी लड़कियों के कथित यौन शोषण के खिलाफ रेलवे पटरियों को अवरुद्ध कर दिया। इस विरोध ने न केवल लोकल ट्रेन सेवाओं को प्रभावित किया, बल्कि लंबी दूरी की ट्रेनों के मार्ग में भी बदलाव किया।
यौन शोषण का मामला
Badlapur School Sexual Abuse के इस मामले में, 12-13 अगस्त को बदलापुर के एक प्रमुख सह-शिक्षा स्कूल में चार वर्षीय दो लड़कियों के साथ 23 वर्षीय सफाईकर्मी Akshay Shinde द्वारा यौन शोषण किए जाने का आरोप है। घटना के समय, लड़कियाँ स्कूल के शौचालय में थीं, जहां महिला कर्मचारियों की कमी थी। आरोपी को 1 अगस्त, 2024 को अनुबंध के आधार पर काम पर रखा गया था।
इस मामले का खुलासा तब हुआ जब लड़कियों में से एक ने दर्द की शिकायत की और अपने माता-पिता को Victim’s Account of Abuse सुनाई। माता-पिता को जब पता चला कि दूसरी लड़की भी शिकार हुई थी, तो उन्होंने 16 अगस्त को पुलिस में शिकायत दर्ज कराई। इंडिया टुडे के अनुसार, एफआईआर में बताया गया है कि शिंदे ने लड़की का यौन शोषण किया था। शिकायत में उल्लेख किया गया है कि लड़की ने अपने माता-पिता से कहा कि “दादा” ने उसके कपड़े उतार दिए थे और उसे अनुचित तरीके से छुआ था।
विरोध प्रदर्शन और उसका असर
इस घटना के विरोध में मंगलवार को हजारों लोगों ने Badlapur Railway Station Protest किया। सुबह के समय स्कूल के बाहर मौन प्रदर्शन कर रहे माता-पिता के समूह ने अचानक ही आंदोलन में शामिल हो गए, जिससे स्थिति बिगड़ गई। भीड़ को नियंत्रित करने के लिए पुलिस की तैनाती अपर्याप्त थी। प्रदर्शनकारियों ने रेलवे पटरियों को अवरुद्ध कर दिया, जिससे ट्रेन सेवाएं बाधित हो गईं।
प्रदर्शन का नेतृत्व कर रही मनसे नेता संगीता चेडवांकर वहां से चली गईं, और भारतीय जनता पार्टी के विधायक किशन कथोरे ने भीड़ को देखकर चुपचाप स्थिति का अवलोकन किया। विरोध बढ़ने पर स्कूल ने प्रिंसिपल और तीन स्टाफ सदस्यों को निलंबित कर दिया, लेकिन प्रदर्शनकारी आरोपी को मौत की सजा देने की मांग पर अड़े रहे।
ठाणे पुलिस ने भारी बलों को तैनात किया, और राजकीय रेलवे पुलिस (जीआरपी) आयुक्त रवींद्र शिस्वे ने प्रदर्शनकारियों को आश्वासन दिया कि आरोपियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। बावजूद इसके, आंदोलनकारी पीछे हटने को तैयार नहीं थे और रेलवे पटरियों पर प्रदर्शन जारी रखा।
पुलिस कार्रवाई और ट्रेन सेवाओं पर असर
स्थिति को नियंत्रित करने के लिए पुलिस ने आंसू गैस के गोले दागे और लाठीचार्ज किया, जिसके बाद प्रदर्शनकारियों ने पथराव शुरू कर दिया। इस हिंसा और अवरोध के कारण रेलवे सेवाओं पर व्यापक असर पड़ा।
मध्य रेलवे के सीपीआरओ ने बताया कि प्रदर्शन के कारण 12 मेल एक्सप्रेस ट्रेनों के मार्ग में बदलाव किया गया और 30 लोकल ट्रेनों को आंशिक रूप से रद्द कर दिया गया। Local Train Services Affected Thane के कारण यात्रियों को भारी कठिनाइयों का सामना करना पड़ा। छत्रपति शिवाजी महाराज टर्मिनस (सीएसएमटी) से अंबरनाथ और कसारा के लिए सेवाएं सामान्य हैं, लेकिन अन्य मार्गों पर स्थिति गंभीर है।
समाज और राजनीति में प्रतिक्रिया
इस घटना ने स्थानीय समुदाय में गहरी चिंता और गुस्सा उत्पन्न कर दिया है। समाज के विभिन्न वर्गों ने इस घटना की निंदा की है और आरोपी को दंडित करने की मांग की है। राजनीतिक दलों ने भी इस मामले को अपने एजेंडे में शामिल किया है, और विरोध प्रदर्शनों के दौरान नेता विभिन्न टिप्पणियाँ दे रहे हैं।
इस मामले ने एक बार फिर यह सवाल उठाया है कि स्कूलों में बच्चों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए किस तरह की निगरानी और प्रबंधन की आवश्यकता है। वर्तमान स्थिति ने Child Safety in Schools और School Abuse Scandal के मुद्दों पर बहस को फिर से जीवंत कर दिया है।
निष्कर्ष
ठाणे के बदलापुर में हुई इस घटना ने न केवल एक स्थानीय मुद्दे को सामने लाया है, बल्कि समाज में बच्चों की सुरक्षा और स्कूल प्रबंधन के महत्व को भी उजागर किया है। इस गंभीर मामले पर उचित कार्रवाई की आवश्यकता है ताकि भविष्य में ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति को रोका जा सके। समाज के विभिन्न हिस्सों को एकजुट होकर इस दिशा में कदम उठाने की जरूरत है और सुनिश्चित करना होगा कि बच्चों की सुरक्षा सर्वोच्च प्राथमिकता हो। Maharashtra Child Protection और Child Abuse Awareness Maharashtra पर ध्यान देना आवश्यक है ताकि भविष्य में ऐसी घटनाएं न हों।
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